Skip to main content

औवेसी ने दी पीएम मोदी और अमित शाह के साथ कांग्रेस को भी चुनौती, हैदराबाद में मेरे खिलाफ चुनाव लडकर दिखाएं




हैदराबाद : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ तीखा हमला बोला है. उन्होंने चुनौती देते हुए पीएम और अमित शाह से कहा है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में उनके खिलाफ हैदराबाद से चुनाव लड़कर दिखाएं. ओवैसी ने एक कार्यक्रम में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ साथ
कांग्रेस पर भी निशाना साधा. ओवैसी ने इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के संघ कार्यालय जाने पर भी भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा था.
एएनआई के अनुसार, ओवैसी ने कहा, ''मैं हैदराबाद में एआईएमआईएम से लड़ने के लिए सभी को चैलेंज करता हूं. मैं पीएम मोदी और अमित शाह को भी चैलेंज करता हूं कि वह यहां से आकर लड़कर दिखाएं. मैं कांग्रेस को भी चुनौती देता हूं. अगर ये दोनों पार्टियां चाहें तो मिलकर मेरे खिलाफ लड़कर दिखाएं. ये देानों हैदराबाद से मिलकर भी मुझे नहीं हरा सकतीं.''
ओवैसी अभी हाल में तब सबसे ज्यादा चर्चा में रहे थे, जब उन्होंने हापुड़ में हुई लिंचिंग की घटना को याद करते हुए कहा था कि मुस्लिम वोटर सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवारों को वोट करें. ओवैसी ने कहा था, 70 साल से मुसलमानों का सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा है. हमको डरा डरा कर रखे. सेक्युलरिज्म को बचाना है तो. हमें मां और बहन के नाम पर गाली दी गई. सिर्फ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया इस केस में. कासिम की मौत हो, या झारखंड में दो भाइयों की मौत हो. मोदी जी ये सब आपके दौर में हो रहा है. क्या यही है सबका साथ सबका विकास. अल्लाह कह रहा है कि अब मत डरो. तुम हमको कासिम बना दो, तुम जुनौद, पहलू , अलीमुद्दी , इसरात जहां कुछ भी हो जाये हम दीन ए इस्लान को नहीं छोड़ने वाले. मैं जब तक जिंदा रहूंगा मुजाहिद की तरह रहूंगा. मुझे तालियां नहीं चाहिये. बस इतना याद रखों अपने हक के लिये लड़ो.

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और