Skip to main content

इस्लाम के दायरे में तीन तलाक़ कानून पर बयान दिया हूँ, इस्लाम धर्म मे महिलाओं को जंग में जाने की इजाजत नहीं है-बाबा सरकार




मैं मोहम्मद उमर खान (बाबा सरकार) बचपन से सच्चाई से व्यापार करता रहा ! जो भी गरीब लोग थे उनकी जो भी बन सके मदद करता रहा हूँ ! बचपन से ही मैं सियासत मे सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करता रहा। कभी मैंने कभी नगरसेवक, विधायक, या सांसद बनने की लालच नहीं कि, मेरी सहन सीलता और गरीबों के तय काम देख कर बड़े बड़े विधायक और सांसदों ने मुझे अपने साथ हर पार्टी में उच्च पदों से नवाजा। मेरी  इस कामयाबी से मेरी ही एनसीपी पार्टी के मेरे कुछ विरोधियों को तकलीफ हो रही है। यह लोग नही चाहते कि मैं विधायक जितेन्द्र आव्हाड साहब के साथ बना रहूँ। इन लोगों की हमेशा कोशिश यही रही है कि मुझे पार्टी से हकाल कर निकाला जाय और मेरे खिलाफ जो तीन तलाक की खबर वाटसाप और फेसबुक पर चलाई गई है यह इसी गंदी राजनीति का षड्यंत्र है। मुझे मुझे मेरे विरोधियों ने पहले भी पार्टी से राजीनामा देने को कहा और समय समय पर पिछले छह महीनों से मुझे डराया धमकाया जा रहा है । हाँ यह सच है की पुरे भारत मे आजकल तीन तलाक को लेकर माहौल गरम है। हर पार्टी के लिडर समाज सेवक इस मुद्दे को लेकर अपनी अपनी राय दे रहे है । मैं एक सच्चा मुसलमान  हूँ और जो कुछ इस्लाम धर्म के बारे मे जानकारी रखता हूँ उसी के आधार पर मैंने अपनी मुस्लिम माँ बहनों की भलाई के लिए राय फैसबुक और वाटसाप ट्रविटर पर साझा किया है। जिससे हमारी माँ बहनों की मदद हो सके। इसी मुद्दे को उछाल कर तोड़ मरोड़़ करके मुझे बदनाम करने की कोशिश और विधायक जितेन्द्र आव्हाड साहब के नजर से गिरा कर मुझे एनसीपी पार्टी से निकालने की साजिश चरम पर कि जा रही है । मैं मेरी प्यारी इस्लामी माँ बहनों से विनती है कि आप भले ही मेरी बातों को माने या ना माने इसका फैसला आपके हाथों मे हैं।यही मेरी यह भी विनती और प्रार्थना है कि यह मेरा राजनीतिक कैरियर तबाह करने की साजिश है।जिसका इल्म आपको नहीं है। मैंने तीन तलाक के मसले को लेकर जो सुझाव हजारों नेताओं की तरह दिया है। मेरी राय इस मुद्दे को लेकर इस्लाम के मातहद है, यानी मैंने जो भी राय दिया हूँ इस्लाम के दायरे मे रह कर दिया है।

---------------------------------------
इस्लाम धर्म में महिलाओं को जंग मे जाने की इजाजत नहीं है- बाबा सरकार
मेरी माँ बहनों जिस तरीके से तलाक दिया और दिलाया जा रहा है, यह शरीयत के खिलाफ है।जैसे खाने मे आपसे नमक कम या तेज हो गया, चाय मे शक्कर कम या ज्यादा या फिर चाय बनाने मे देर हो गया, आपने घर खर्च के लिए पैसे मांग लिए यादि ऐसी छोटी मोटी बातों पर मियाँ बिबी की तकरार हो जाने पर आपके सौहर ने धड़ल्ले से तलाक तलाक तलाक देकर तुम्हें घर से बाहर कर मेरी माँ बहनों तुम्हारा जीवन नर्क बन जाता है, जोकि इस तरह तलाक देने की इजाजत नहीं है।
हम मर्दों को आपकी तरह मां बहन बेटियाँ भी हो लेकिन तुम्हें हक न देकर तुम्हें लाचार मजबूर समझते हुए निकाह से बाहर कर दिया जाता हो और दर दर की ठोकरें पायी जाती हो, जबकि सौहर और बीबी एक लिवास हो, इस्लाम ने तुम्हें बहुत महत्व दिया है, तुम्हें शरीयत के मातहद इजाजत न देकर तुम्हारे साथ मनमानी किया जा रहा है और तुम्हें ढाल बनाकर रोड़ पर निकाला जा रहा है, अपनी टोपी उंची और शियासत चमकाने के लिए तुम्हें मोहरा बनाया जा रहा है और तीन तलाक कानून बन जाने पर जो धड़ल्ले से तलाक देकर तुम्हारा जीवन नर्क बना देते है, उन जालिम मर्दों को जो धड़ल्ले से तलाक देते है, अब वह नहीं दे सकेंगे। और तुम्हारे जीवन के साथ खिलवाड़ न कर सकेंगे, जो मैंने अपनी माँ बहनों की हिफाजत के लिए पैरवी कर रहा हूँ, उसी के खिलाफ मुर्दा बाद का नारे बाजी लगाने के लिए उकसाया जा रहा है, जो आपके इज्जत आबरू से खिलवाड़ कर रहे है, और इस्लाम के खिलाफ तलाक दिया और दिलाया जा रहा है आप उन लोगों का साथ दे रही हैं। मोहम्मद उमर खान बाबा सरकार ने आप माँ बहनों का हमेशा समर्थन करते आ रहा है, जो इस्लाम के मातहद है और आपके सामने शरीयत का गलत बयान पेश करके आप लोगों से नारेबाजी और इस्लाम प्नर्स्त के खिलाफ भड़का कर आप लोगों को गुमराह कर रहे है। हमारे दुसरे खलिफा हजरत उमरे फारूख  (रजि.ता.) के खिलाफे वक्त मे अगरचे कोई मर्द धड़ल्ले से एक मजलिस मे तीन तलाक दिया अपनी बीबी को तो, उनकी अदालत मे उस मर्द को चालीस कोडे लगाने का हुक्म दिया करते थे।जब तलाक मसला हद से ज्यादा फैल गई और हमारे ऊलामाएं दिन ने नहीं रोका तो, अल्लाह का वादा है कि हम अपना काम किसी से भी ले सकते है। तो अपने बंदे प्रधानमंत्री मा नरेंद्र मोदी साहब को खड़ा करके मनमानी तलाक रोकने का काम कर रहे है। एक मजलिस मे तीन तलाक देने पर उमरे फारूख (रजि, ता,) के अदालत मे चालीस कोडे लगाए जाते थे। अब चालीस कोडे की कोडे की जगह पर तीन साल जेल  का प्रावधान भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बनाया जा रहा है। ताकि सजा के डर से एक मजलिस मे तीन तलाक न दिया जाए और हमारी माँ बहनों की हिफाजत हो और इज्जत आबरू बची रहे। एक मजलिस मे तीन तलाक देने का इस्लाम भी इजाजत नहीं देता। मैंने इस्लाम धर्म का समर्थन किया है, ताकि हमारी माँ बहनों की इज्जत बनी रहे। आप लोगों को मेरा फंलों का गुलदस्ता देकर सत्कार करना चाहिए तो, आप लोग हमारा पुतला जलाने की बात कर रही है। मैं बाबा सरकार फिर इस तरह का बयान इस लिए दे रहा हूँ, क्योंकि मेरे खिलाफ 26 मार्च के बाद एक खबर चलाई जा जा रही है, जिसमें मुझे ढोंगी बाबा सरकार लिखा जा रहा है, तो मैं यह बता दूँ कि मैं दुआ ताबिज नहीं करता मेरा बचपन से ही उप नाम बाबा सरकार मेरे परिवार के लोगों ने रखा था।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और