Skip to main content

अभिनेत्री शो देवी का पार्थिव शरीर दुबई से चंद घंटों में पहुंचेगा मुंबई



मुंबई: भारतीय सिनेमा की लोकप्रिय दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी का शव बस कुछ ही घंटों में दुबई से मुंबई आ जाएगा।स्वर्गीय श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के चार्टेट प्लेन से दुबई से मुंबई लाया जाएगा। श्रीदेवी के साथ बीते लम्हों को यादकर पूरा बॉलिवुड उनकी जुदाई के सदमे से अब तक बाहर नहीं आ सका है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार, श्रीदेवी के शव का पोस्टमार्टम दुबई में हो चुका है। दुबई एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से स्वीकृति मिलते ही शव को चार्टेड प्लेन से मुंबई लाया जाएगा। यहां दिवंगत अभिनेत्री के मुंबई में वर्सोवा स्थित भाग्य बंगले में अंतिम शव यात्रा की तैयारियां की गई है।
"क्यों हुई शव लाने में देरी?
गौरतलब है कि शनिवार देर रात 11 बजे के श्रीदेवी का निधन दुबई में दिल का दौरा पड़ने से हो गया था।श्रीदेवी के अंतिम दर्शन करने को आतुर उनके फैंस इस बात से दुखी और आक्रोशित है कि शव मुंबई लाने में देर क्यों हो रही है। प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार, यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के लोकल लॉ के अनुसार किसी भी विदेशी की मृत्यु यदि अस्पताल से बाहर होती है तो परिजनों को शव सुपूर्द करने से पहले उसका पोस्टमार्टम करना अनिवार्य होता है।
यूएई के अखबार खलीज टाइम्स के हवाले से कहा गया है कि दुबई ऑफिसर्स ने रविवार शाम को ही सूचना दे दी थी कि श्रीदेवी की बॉडी का पोस्टमार्टम हो चुका है और वहां के स्थानीय कानून के अनुसार यदि किसी भी विदेशी की मौत अस्पताल से बाहर होती है तो इंवेस्टिगेशन में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। पुलिस श्रीदेवी के केस में भी इसी प्रोटोकॉल का अनुसरण कर रही है। श्रीदेवी की अंतिम इच्छा दी कि उनके आखिरी समय में उनकी विदाई में सबकुछ सफेद रंग का हो। इसलिए श्रीदेवी की अंतिम शवयात्रा के लिए सबकुछ सफेद रंग से मुंबई में आयोजित किया गया है।
"मौत से आधा घंटा पहले अकेले थी श्रीदेवी,वजह क्या थी?
सूत्रों से पता चला है कि पहले बोनी कपूर श्रीदेवी को अकेला छोड़कर मुंबई आ गए थे लेकिन फिर वे वापस दुबई पहुंचे और श्रीदेवी को वहां जाकर सरप्राइज किया। यूएई के एक अखबार खलीज टाइम्स ने अपनी खबर में कहा है कि मौत से आधा घंटे पहले तक श्रीदेवी होटल के कमरे में अकेली थी। इसके बाद बोनी कपूर ने होटल के कमरे में श्रीदेवी से 15 मिनट तक बात की और सरप्राइज डिनर पर चलने का न्यौता दिया। इसके बाद श्रीदेवी वॉशरूम में तैयार होने के लिए गई और 15 मिनट तक वॉशरूम से बाहर नहीं आई तो बोनी कपूर ने वॉशरूम का दरवाजा खटखटाया,लेकिन जब वॉशरूम का दरवाजा नहीं खुला तो बोनी कपूर ने उसे धक्का मारकर खोला और देखा कि बाथरूम में श्रीदेवी बेसुध पड़ी थी। श्रीदेवी को इस हालत में देख पति बोनी कपूर ने अपने एक दोस्त को फोन किया और फिर धीरे-धीरे वहां सभी लोग आ गए और पास के राशिद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। अपनी मौत से आधा घंटे पहले तक श्रीदेवी का होटल के रूम में अकेला होना और बोनी कपूर और श्रीदेवी का होटल के कमरे में 15 मिनट तक बातचीत करना…इन बातों से इस बात की संभावना जताई जा रही है कि शायद उस रात श्रीदेवी और बोनी कपूर में कुछ कहासुनी हुई थी। अगर ऐसा नहीं था तो बोनी कपूर मुंबई जाने के बाद दोबारा दुबई श्रीदेवी को सरप्राइज देने क्यों पहुंचे थे। दरअसल, शादी के बाद बोनी कपूर मुंबई आ गए थे और श्रीदेवी वहीं दुबई में रूक गई थी लेकिन फिर अचानक बोनी कपूर ने दोबारा दुबई आकर श्रीदेवी को सरप्राइज डिनर पार्टी के लिए इन्वाइट किया था। इन सभी बातों का दावा दुबई के अखबार के माध्यम से किया गया है।
गौरतलब है कि शनिवार देर रात 11 बजे श्रीदेवी ने अंतिम सांस ली,लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीदेवी को किसी सर्जरी का रिएक्शन हो गया था। अन्य प्राप्त रिपोर्ट्स की मानें तो श्रीदेवी ने एक नहीं बल्कि पूरे 29 बार कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई थी और इन्हीं में से किसी एक सर्जरी ने उनके शरीर में गड़बड़ी कर दी थी। इतना ही नहीं, श्रीदेवी बहुत सी एंटी एजिंग दवाईयां भी खा रही थी। साउथ कैलिफोर्निया स्थित उनके डॉक्टर ने भी श्रीदेवी को बहुत सी डाइट पिल्स लेने की सलाह दी थी और श्रीदेवी इन पिल्स का भी सेवन कर रही थी।
इतनी सारी एंटी एजिंग दवाईयों का सेवन करने से ब्लड गाढ़ा हो जाने की परेशानी होती है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, श्रीदेवी की अचानक मौत की ये बात भी एक वजह हो सकती है। इससे पहले श्रीदेवी के देवर संजय कपूर ने भी कहा था कि उन्हें दिल की कोई बीमारी नहीं थी। इसलिए इस बात पर और ज्यादा कयास लगाए जा रहे है कि श्रीदेवी की मृत्यु हार्ट अटैक नहीं बल्कि कुछ और हो सकती है।वैसे दुबई में दिवंगत आत्मा का पोस्टमार्टम हो चुका है और रिपोर्ट आने के बाद श्रीदेवी की 

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और