सांकेतिक चित्र
मुंबई। दुबई जाकर कमाने का सपना देखने वाला एक मजदूर ट्रैवल एजेंट के झांसे में फंसकर जेल पहुंच गया। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रहने वाले इस मजदूर के परिवार के पास उसकी जमानत कराना तो दूर इतने रुपये भी नहीं हैं कि वह जनरल की टिकट लेकर मुंबई पहुंच सकें।
रंजीत कुमार राजभर 22 अक्टूबर को मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा था। वह यहां से टूरिस्ट वीजा पर दुबई जा रहा था। अधिकारियों ने जांच में पाया कि उसके पास एमिग्रेशन चेक रिक्वॉयर्ड पासपोर्ट होना चाहिए। जब अधिकारियों ने उससे पूछा तो उसने बताया कि वह दुबई जा रहा है। उन्होंने उससे रिटर्न टिकट मांगा। जांच में उसके पास जो दस्तावेज मिले वे फर्जी थे। उसे शहर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया।
गाजीपुर निवासी रंजीत ने बताया कि दुबई जाकर कमाना चाहता था। उसने गाजीपुर के ट्रैवल एजेंट्स को संपर्क किया। दो ट्रैवल एजेंट्स सुनील कुमार और धर्मेंद्र कुमार ने उसे दुबई भेजने की बात कही। इसके लिए उससे पचास हजार रुपये मांगे गए। उसने अपनी पत्नी के सारे गहने बेच दिए और किसी तरह पचास हजार रुपये का इंतजाम किया। उसे नहीं पता था कि उसके दस्तावेज फर्जी हैं।
रंजीत के वकील प्रभाकर त्रिपाठा ने बताया कि पुलिस को आरोपी ट्रैवल एजेंट्स के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए और उनके खिलाफ रंजीत को गवाह बनाना चाहिए। वहीं रंजीत की पत्नी पूजा देवी ने बताया कि सोमवार को उसे कोर्ट से फोन आया कि रंजीत की जमानत के लिए 60,000 रुपये चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पास इतने रुपये भी नहीं हैं कि वह टिकट लेकर अपने पति से मिलने मुंबई जा सकें। उन्होंने ट्रेवल एजेंसी पर ठगी का आरोप लगाया है।
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