प्रतीकात्मक चित्र
मुंबई। रेलवे ने कुछ वक्त पहले लंबी दूरी की ट्रेनों में खान-पान की चीजों पर ओवर चार्जिंग रोकने के लिए ‘नो बिल, फ्री फूड पॉलिसी’ पेश की थी। अब यह पॉलिसी जल्दी ही उपनगरीय सेक्शन पर लागू होने वाली है। मध्य रेलवे ने रेलवे की पॉलिसी का हवाला देते हुए सभी कैटरिंग लाइसेंस धारकों को 31 अगस्त 2018 तक स्टॉल्स पर ‘फूड फ्री, विदाउट बिल’ यानी ‘बिल नहीं, तो खाना मुफ्त’ का स्टिकर लगाने के लिए आदेश दिए हैं। साथ ही 31 अगस्त तक सभी स्टॉल्स पर ‘पॉइंट ऑफ सेल’ मशीन या ई-बिल मशीन लगाने का आदेश दिया है।
मध्य रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीसीएम) के अनुसार, ‘इस तरह के कड़े निर्देश के पीछे हमारा मकसद है कि खान-पान की चीजों पर ओवर चार्जिंग रोकी जाए। यदि स्टॉल पर बिल दिए जाएंगे, तो ओवर चार्जिंग की परेशानी पर काबू पाया जा सकता है। अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2017 के बीच ओवर चार्जिंग की लगभग 7 हजार शिकायतें मिली थीं। इस ‘बीमारी’ से निजात दिलाने के लिए रेलवे ने नई पॉलिसी बनाई। रेलवे ने सर्कूलर जारी कर बताया था कि यात्रा के दौरान यदि कोई वेंडर बिल देने से मना कर दे, तो उसे पैसे न दें। मुंबई के उपनगरीय स्टेशनों पर स्थित स्टॉल में भी इस नियम को कड़ाई से लागू करने की कोशिश पहली बार हो रही है। मध्य रेलवे ने जहां स्टॉल पर बिल के बिना खाना मुफ्त देने के स्टिकर लगाने का आदेश निकाला है, तो पश्चिम रेलवे ने कैटरिंग शिकायत नंबर 9004499733 और ‘बिल की मांग करें’ जैसे निर्देश के साथ स्टॉल पर स्टिकर लगाने के आदेश दिए हैं। पश्चिम रेलवे की वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक (मुंबई डिविजन) आरती सिंह परिहार के अनुसार, ‘हमारे डिविजन में 350 में से 250 स्टॉल्स पर ई-बिलिंग की मशीनें लगाई जा चुकी हैं। 31 अगस्त तक सभी स्टेशनों पर इस तरह की मशीनें लगाने का आदेश दिया गया है।’ रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मनमानी कीमत पर खानपान की चीजें बेचने वाले वेंडर्स पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। गोयल ने आदेश दिया था कि यदि कोई वेंडर खाने के पैकेट पर कीमत नहीं मुद्रित करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
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